पैतृक संपत्ति में सिर्फ अपना हिस्सा कैसे करें अपने नाम? आसान तरीका और स्टेप्स Ancestral Property Distribution 2025

पैतृक संपत्ति में सिर्फ अपना हिस्सा कैसे करें अपने नाम? आसान तरीका और स्टेप्स Ancestral Property Distribution 2025

जानिए नए कानूनों और आसान प्रक्रियाओं के बारे में, जिससे पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेना हुआ है और भी आसान। बेटियां-बेटे दोनों को बराबर अधिकार, विवाद से बचने के टिप्स और सरकारी नियमों को समझें। इस गाइड को पढ़ें और अपने हक की पूरी सुरक्षा करें।

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पैतृक संपत्ति का मुद्दा भारतीय परिवारों में सदियों से महत्वपूर्ण रहा है। अक्सर भाइयों, बहनों और अन्य सदस्यों के बीच इस संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद होते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि अपने पैतृक हिस्से को कानूनन अपने नाम कैसे किया जाए। 2025 में कानून और प्रक्रिया में आसान सुधारों के कारण अब यह काम पहले से कहीं ज्यादा सरल और त्वरित हो गया है। इस लेख में जानिए वो सरल कदम जिनसे आप अपनी पैतृक संपत्ति में हिस्सा बिना किसी झंझट के अपने नाम करवा सकते हैं।

पैतृक संपत्ति में सिर्फ अपना हिस्सा कैसे करें अपने नाम? आसान तरीका और स्टेप्स Ancestral Property Distribution 2025

पैतृक संपत्ति और आपके अधिकार

पैतृक संपत्ति वह संपत्ति होती है जो आपके पूर्वजों से परिवार में पुश्तों तक चली आ रही हो। यह वह जायदाद है जिसका वारिस सभी पात्र सदस्य बराबर के कानूनन मालिक होते हैं—चाहे वह बेटा हो या बेटी। 1956 में बने हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के संशोधनों के बाद बेटियों को भी बराबर का हक मिला है। ध्यान दें कि यह नियम मुख्यतः हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों के लिए है, जबकि मुस्लिम और ईसाई समुदायों के लिए अलग प्रावधान हो सकते हैं।

पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा नाम करवाने के आसान कदम

  • पहले परिवार के सभी सदस्यों की सूची बनाएं और तय करें कि प्रत्येक का हिस्सा कितना होगा।
  • अपने क्षेत्र के भूमि रिकॉर्ड कार्यालय से सम्पत्ति के कागजात लें।
  • उत्तराधिकार प्रमाणपत्र या सक्सेशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करें।
  • सभी वारिसों के आईडी प्रूफ और आवश्यक दस्तावेज़ एकत्र करें।
  • यदि परिवार में सहमति है, तो रजिस्ट्री कार्यालय जाकर आपसी समझौते की डीड (Partition Deed) बनवाएं।
  • विवाद होने पर दीवानी अदालत में मुकदमा दर्ज करायें और न्यायालय के आदेश के अनुसार बंटवारा कराएं।
  • कोर्ट के आदेशानुसार जमाबंदी (Mutation) करवाकर अपने हिस्से को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराएं।

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जरूरी दस्तावेज और सावधानियां

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे प्रमाण पत्र।
  • परिवार रजिस्टर, वंशावली का दस्तावेज।
  • वारिस प्रमाणपत्र, भूमि रिकॉर्ड के आधिकारिक दस्तावेज।
  • यदि मामला विवादित है तो कोर्ट का आदेश।
  • फर्जी दस्तावेजों से बचें, सभी दस्तावेज का मूल और फोटोकॉपी संभालकर रखें।

बंटवारे के फायदे और आम समस्याएं

अपनी पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा लेने से आपके कानूनी अधिकार मजबूत होते हैं, भविष्य में विवाद कम होते हैं और आपकी संपत्ति पर स्वतंत्र नियंत्रण बनता है। हालांकि, परिवार में सहमति न बनने या दस्तावेजों की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें मध्यस्थता या कोर्ट की सहायता से सुलझाया जा सकता है।

Vishal Kumar

Vishal Kumar serves as a key editor and writer for orissaea.in, a digital news platform. He is dedicated to delivering timely and insightful coverage of current events, with a focus on both local news from Odisha and significant global affairs.

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